जन्म दिया , प्यार दिया,
हर अच्छा संस्कार दिया,
कदम कदम पर मुझको मार्ग-दर्शित किया है माँ
कहत सौरभ, सौरभ को तूने गर्वित किया है माँ ।
बेटी, बहन, पत्नी, माँ, दादी
हर किरदार तूने बखूबी निभाया है
कितना खुशनसीब हूँ मैं,
मुझपे तेरे आँचल की छाया है
परिवार के हर सदस्य को तूने हर्षित किया है माँ,
कहत सौरभ , सौरभ को तूने गर्वित किया है माँ ।
सुना था, “पुरुषों की इस दुनिया मे, महिलाओं को ऊंचा स्थान नहीं,
काम भले ही महिलाएं करें, होता उनका गुणगान नहीं”,
सब के दिलों में ऊंचा स्थान, तूने अर्जित किया है माँ
हर निंदक को अपने गुणों से अचम्भित किया है माँ
कहत सौरभ, सौरभ को तूने गर्वित किया है माँ ।
– सौरभ बजाज
बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना।🙏🏼
Dhanyawaad Tara Ji 🙂
शुक्रिया ।🌹🙏